प्रतिक्रिया | Friday, April 25, 2025

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India Steel 2025 : पीएम मोदी ने स्टील सेक्टर को बताया देश की प्रगति का मजबूत आधार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘इंडिया स्टील 2025’ के छठे संस्करण को संबोधित किया। यह तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन मुंबई के बॉम्बे एग्जीबिशन सेंटर में 24 से 26 अप्रैल तक आयोजित हो रहा है। इसका आयोजन केंद्रीय इस्पात मंत्रालय और उद्योग संगठन फिक्की (FICCI) द्वारा किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्टील सेक्टर भारत की प्रगति का आधार है और एक विकसित भारत की मजबूत नींव है। उन्होंने बताया कि जब भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है, तब स्टील सेक्टर की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक देश बन गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने नेशनल स्टील पॉलिसी के तहत 2030 तक 300 मिलियन टन स्टील उत्पादन का लक्ष्य तय किया है।” उन्होंने बताया कि आज भारत का स्टील उद्योग आत्मविश्वास से भरपूर है, क्योंकि सरकार द्वारा शुरू की गई ‘पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान’ जैसी योजनाएं स्टील सेक्टर को मजबूती दे रही हैं। उन्होंने कहा कि पीएम गतिशक्ति योजना के तहत देश की खदानों और स्टील इकाइयों को मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी से जोड़ा जा रहा है, जिससे लॉजिस्टिक्स में सुधार हो रहा है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि अब से सरकारी भवनों के निर्माण में ‘मेड इन इंडिया’ स्टील का उपयोग अनिवार्य होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “सरकारी योजनाएं आज स्टील की सबसे बड़ी उपभोक्ता हैं, खासकर निर्माण और बुनियादी ढांचे में। स्टील कई अन्य उद्योगों की भी मूलभूत आवश्यकता है, इसलिए हमारी स्टील नीति इन क्षेत्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खड़ा कर रही है।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत लंबे समय से उच्च गुणवत्ता वाले स्टील के लिए आयात पर निर्भर रहा है, लेकिन अब रक्षा और रणनीतिक क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता जरूरी है। उन्होंने बताया कि भारत के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट करियर में ‘मेड इन इंडिया’ स्टील का इस्तेमाल हुआ है और चंद्रयान मिशन की सफलता में भी भारतीय स्टील की ताकत का योगदान रहा है।

इंडिया स्टील 2025 सम्मेलन में नीति निर्माता, उद्योगपति, निवेशक और खरीदार एक मंच पर आकर व्यापार के अवसरों पर चर्चा करेंगे। इसमें वर्तमान रुझान, चुनौतियां, भविष्य की संभावनाएं और ‘विजन 2047’ जैसे विषयों पर सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य निवेश को बढ़ावा देना, औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करना और रोजगार सृजन करना है।  -(ANI)

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आखरी अपडेट: 25th Apr 2025